Monday, March 17, 2014

होरी...होरी********






अरी ओ री सखी
घोलो केसरिया रंग
बिरज चलें होली खेलन
अरी ओ री सखी
जिया मैं भर लो उमंग
बिरज  चलें होली खेलन

ढोलक ले लो मंजीरा ले लो
और ले लो तुम चंग
गोप ग्वाल सखियाँ
सब नाचे बाजे जब मिरदंग
मुरली बजावत कान्हा नाचे
रानी राधिका संग
           
                             


केसर को तो तिलक लगाओ
वाको पटका डारो रंग
श्याम पिया मोहे एसो
 रंग दे,चढ़े न दूजो रंग
 बिन ओढ़े मे घर न जाऊं
  रंग दे चुनरिया सुरंग
  अरी ओ री सखी
 घोलो कनक-कलश में भंग
  बिरज में धूम मचाएं सब संग
 चलें होली खेलन********
                             
                              रंगोत्सव की अनेकानेक शुभ कामनाये ....सभी मित्रों को
                                              अदिति पूनम

28 comments:

  1. होरी की धूम .....
    बिरज में ,
    सुंदर वर्णन ...होली की अनेक अनेक शुभकामनायें ...!!

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  2. रंगोउत्सव की धूम विरज में बहुत सुंदर रचना ... होली की शुभकामनाएं ...

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  3. सजीव वर्णन !बहुत सुन्दर
    होली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
    new post: ... कि आज होली है !

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  4. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय पहेली चर्चा चर्चा मंच पर ।।

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    1. धन्यवाद....आभार महोदय..... रचना को चर्चामंच में शामिल करने के लिए....

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  5. बिरज कि होली का ख्याल ही मस्ती भर देता है ...
    सुन्दर रचना ... होली की बधाई ..

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  6. सुंदर चित्र और ब्रज की होली का अनुपम वर्णन... शुभकामनायें !

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  7. बहुत सुन्दर.......
    होली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।

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  8. बहुत सुन्दर.......
    होली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।

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  9. केसर को तो तिलक लगाओ
    वाको पटका डारो रंग
    श्याम पिया मोहे एसो
    रंग दे,चढ़े न दूजो रंग
    बिन ओढ़े मे घर न जाऊं
    रंग दे चुनरिया सुरंग
    अरी ओ री सखी
    घोलो कनक-कलश में भंग
    बिरज में धूम मचाएं सब संग
    चलें होली खेलन********

    रंग दिया आपने बृज की मीठास(मिठास ?) में। सुन्दर अति सुन्दर बृज -माधुरी

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  10. बहुत खूबसूरत भाव...

    श्याम पिया मोहे एसो
    रंग दे,चढ़े न दूजो रंग

    सुन्दर रचना. होली की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

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  11. होरी गीत पढ़कर बहुत मज़ा आया.

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  12. बहुत सुंदर होली गीत.
    शुभकामनाएँ !

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  13. श्याम पिया मोहे एसो
    रंग दे,चढ़े न दूजो रंग

    सुन्दर रचना....अदिति जी आनंद आ गया ब्रज कि होली के दर्शन .......... होली की हार्दिक मंगलकामनाएँ...............

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  14. ब्रज की होली की बात ही निराली है .ऊपर से भंग घोलने की तैयारी -अब तो कोई नहीं बचेगा इस रंग से !

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  15. श्याम पिया मोहे एसो
    रंग दे,चढ़े न दूजो रंग
    बहुत सुंदर होली गीत.

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  16. सुन्दर प्रासंगिक भैंट ब्रज माधुरी का जादू चढ़के बोलता है इस लोकगीत में अंचल की खुश्बू और स्वाद लिए

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  17. अर्थपूर्ण कविता ,अर्थपूर्ण रंग लिए लोक संस्कृति की मनभावन रचना। शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का।

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  18. आपका ब्‍लॉग और रचनायें प्रभावशाली हैं। आकर अच्‍छा लगा।

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  19. आपकी रचना काफी अच्छी लगी।मेरे नए पोस्ट पर आपकी प्रतीक्षा रहेगी।

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  20. मन भावन अति पावन
    http://savanxxx.blogspot.in

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  21. पढ़कर मन में होली की उमंग भर गयी

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  22. बहुत सुंदर होली गीत.....
    घोलो कनक-कलश में भंग
    बिरज में धूम मचाएं सब संग
    भ्रमर५

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  23. सुंदर भाव, उम्दा रचना

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