अरी ओ री सखी
घोलो केसरिया रंग
बिरज चलें होली खेलन
अरी ओ री सखी
जिया मैं भर लो उमंग
बिरज चलें होली खेलन
ढोलक ले लो मंजीरा ले लो
और ले लो तुम चंग
गोप ग्वाल सखियाँ
सब नाचे बाजे जब मिरदंग
मुरली बजावत कान्हा नाचे
रानी राधिका संग
केसर को तो तिलक लगाओ

श्याम पिया मोहे एसो
रंग दे,चढ़े न दूजो रंग
बिन ओढ़े मे घर न जाऊं
रंग दे चुनरिया सुरंग
अरी ओ री सखी
घोलो कनक-कलश में भंग
बिरज में धूम मचाएं सब संग
चलें होली खेलन********
रंगोत्सव की अनेकानेक शुभ कामनाये ....सभी मित्रों को
अदिति पूनम